नज़र गम है नज़रों को बड़ी तकलीफ होती है, बगैर उनके नज़रों को बड़ी तकलीफ होती है, नबी कहते थे अकसर के अकसर जिक्र -ए-हैदर से, मेरे कुछ जान निसारों को बड़ी तकलीफ होती है | HAPPY MUHARRAM